अर्थ : स्वर्ग आदि में रहने वाले वे अमर प्राणी जो पूज्य माने जाते हैं।
उदाहरण :
इस मंदिर में कई देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं।
पर्यायवाची : अंबरौका, अनलमुख, अमर, अमानुष, अमृततप, अमृतबंधु, अमृतबन्धु, अमृताशन, असुरारि, आकाशचारी, आदितेय, आदित्य, ऋभु, गीर्वाण, त्रिदश, त्रिदिवेश, त्रिदिवौकस, दनुजारि, दिवौका, देव, देवक, देवता, दैत्यारि, दैवत, द्युनिवास, द्युनिवासी, नभश्चर, भट्टारक, भूतकृत, मधुप, विवुध, विश्वप्स, वृंदारक, सुचिरायु, सुर
अर्थ : हमारे सौर जगत का वह सबसे बड़ा और ज्वलंत तारा जिससे सब ग्रहों को गर्मी और प्रकाश मिलता है।
उदाहरण :
सूर्य सौर ऊर्जा का एक बहुत बड़ा स्रोत है।
पूर्व से सूर्य को आते देख तिमिर दुम दबाकर भागने लगा।
पर्यायवाची : अंबु तस्कर, अंबुतस्कर, अंशुमान, अंशुमाली, अग, अनड्वान्, अफताब, अफ़ताब, अब्जबाँधव, अब्जबांधव, अब्जहस्त, अयुग्मवाह, अरणि, अरणी, अरुण, अरुणसारथी, अरुन, अर्क, अवबोधक, अवि, अविनीश, आदित्य, आफताब, आफ़ताब, कालेश, केश, खगपति, गभस्ति, गभस्तिपाणि, गभस्तिहस्त, गविष्ठ, गोकर, चक्रबंधु, चक्रबन्धु, चक्रबांधव, चक्रबान्धव, चित्रभानु, जगत्साक्षी, तपस, तपु, तमोहपह, तिग्मगर, तिमिररिपु, तिमिरहर, तिमिरारि, तीक्ष्णरश्मि, तीक्ष्णांशु, तुंगीश, त्रयीतन, त्रयीमय, दिनअर, दिनकर, दिनेश, दिवसकर, दिवसकृत, दिवसनाथ, दिवसभर्ता, दिवसेश, दिवसेश्वर, दिवस्पति, दिवाकर, दिवामणि, दिवावसु, दिव्यांशु, दीप्तकिरण, दीप्तांशु, द्युपति, द्युम्न, धरुण, ध्वांतशत्रु, ध्वांताराति, ध्वान्तशत्रु, ध्वान्ताराति, नभश्चक्षु, नभश्चर, नभस्मय, नभोमणि, निर्मुट, पद्मगर्भ, पद्मबंधु, पद्मबन्धु, पद्मिनीकांत, पद्मिनीकान्त, पद्मिनीवल्लभ, पद्मिनीश, पर्परीक, पुष्कर, प्रभाकर, भानु, भास्कर, भूताक्ष, मरीची, मार्तंड, मार्तण्ड, मिहिर, यमसू, रवि, वरेय, विश्वप्रकाशक, विश्वप्स, विहंग, विहग, वेद, वेदात्मा, शीघ्रग, सविता, सहस्रकिरण, सहस्रगु, सूरज, सूर्य, स्वप्ननंशन, हृषु
अर्थ : एक देवता जो स्वर्ग तथा देवताओं के अधिपति माने जाते हैं।
उदाहरण :
वेदों में इंद्र की आराधना का उल्लेख है।
पर्यायवाची : अचलधृष, अनंतदृष्टि, अनन्तदृष्टि, अनेकलोचन, अप्सरेश, अमर-राज, अमरनाथ, अमरपति, अमरप्रभु, अमरराज, अमरवर, अमराधिप, अमरेश, अमरेश्वर, अरब, अर्, अर्वण, अलकेश, आदित्य, इंद, इंदर, इंदु, इंद्र, इंद्रदेव, इन्द, इन्दर, इन्दु, इन्द्र, इन्द्रदेव, खदिर, जंभारि, तुरासाह, त्रिदशपति, त्रिदशाधिप, त्रिदशेश्वर, त्रिदिवाधीश, दानवारि, दिव-राज, दिवक्ष, दिवराज, देवराज, देवेंद्र, देवेन्द्र, देवेश, दैत्यदानवमर्दन, दैत्यारि, दौल्मि, द्युपति, पचत, पविधर, पाकशासन, पाकहंता, पाकहन्ता, पाकारि, पुरंदर, पुरन्दर, पूतक्रतु, पौलोम, बिड़ौजा, मघवान, मदनपति, महेंद्र, महेन्द्र, मेघपति, यामनेमि, युयुधान, रंभापति, रम्भापति, वज्रधर, वरेंद्र, वरेन्द्र, वलसूदन, वलहंता, वलहन्ता, वलहिष, विजयंत, विवुधेश, विश्वभुज, वृत्रनाशन, वृत्रवैरी, वृत्रहा, वृत्रारि, वृषण, वृषाकपि, वृष्णि, वेत्रहा, शंबरारि, शक्र, शचींद्र, शचीन्द्र, शम्बरारि, शाक्वर, शिखी, श्वेतवह, श्वेतवाह, सहस्रचक्षु, सहस्रनेत्र, सुरकेतु, सुरनाथ, सुरनायक, सुरनाह, सुरपति, सुरभानु, सुरेंद्र, सुरेन्द्र, सुरेश, स्वर्पति