अर्थ : किसी विषय का अच्छी तरह से किया जानेवाला अध्ययन अथवा अनुशीलन।
उदाहरण :
किसी विषय की गूढ़ता या गंभीरता को समझने के लिए स्वाध्याय आवश्यक है।
अर्थ : वेदों अथवा धर्म-ग्रंथों की निरंतर और नियमपूर्वक आवृत्ति या अभ्यास तथा उसका नियमपूर्वक अनुशीलन।
उदाहरण :
वह प्रतिदिन स्वाध्याय में दो घंटे अवश्य लगाता है।