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अर्थ : यह मत या सिद्धान्त कि संसार के सभी तत्त्वों, पदार्थों और प्राणियों में ईश्वर विद्यमान है एवं ईश्वर ही सब कुछ है।
उदाहरण : सर्वात्मवाद के अनुसार ईश्वर ही जगत और जगत ही ईश्वर है।
पर्यायवाची : सर्वात्मवाद
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