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Meaning of word supreme being from English dictionary with examples, synonyms and antonyms.

supreme being   noun

Meaning : The supernatural being conceived as the perfect and omnipotent and omniscient originator and ruler of the universe. The object of worship in monotheistic religions.

Synonyms : god


Translation in other languages :

सत्व,रज और तम तीनों गुणों से युक्त परमात्मा का रूप।

भारत में सगुण ब्रह्म की उपासना की जाती है।
सगुण ब्रह्म, सरूप ब्रह्म, साकार ब्रह्म

धर्मग्रंथों द्वारा मान्य वह सर्वोच्च सत्ता जिसे सृष्टि का स्वामी माना जाता है।

ईश्वर सर्वव्यापी है।
ईश्वर हम सबके रक्षक हैं।
अंतर्ज्योति, अंतर्यामी, अखिलात्मा, अखिलेश, अखिलेश्वर, अधिपुरुष, अन्तर्ज्योति, अन्तर्यामी, अर्य, अर्य्य, अविनश्वर, अव्यय, अशरीर, आदिकर्ता, आदिकर्त्ता, आदिकारण, इलाही, इश्व, इसर, ईश, ईशान, ईश्वर, ईस, ईसर, ऊपरवाला, करतार, करुण, कर्ता, कर्ता धर्ता, कर्ता-धर्ता, कर्ताधर्ता, कर्तार, कर्त्ता, क़िबला-आलम, क़िबलाआलम, कामद, किबला-आलम, किबलाआलम, ख़ालिक़, खालिक, चिंतामणि, चिदाकाश, चिन्तामणि, चिन्मय, जगत्सेतु, जगदाधार, जगदानंद, जगदीश, जगदीश्वर, जगद्योनि, जगन्नाथ, जगन्नियंता, जगन्नियन्ता, जगन्निवास, जाने-जहाँ, जाने-जाँ, जीवेश, जोग, ठाकुर, ठाकुरजी, तमोनुद, तोयात्मा, त्रयीमय, त्रिपाद, त्रिलोकपति, त्रिलोकी, त्रिलोकीनाथ, त्रिलोकेश, दई, दहराकाश, दीन-बन्धु, दीनबंधु, दीनबन्धु, दीनानाथ, देवेश, नाथ, नित्यमुक्त, परमपिता, परमात्मा, परमानंद, परमानन्द, परमेश्वर, प्रधानात्मा, प्रभु, भगवत्, भगवान, भगवान्, भवधरण, भवेश, मंगलालय, योग, योजन, वरेश, वासु, विधाता, विभु, विश्वंभर, विश्वधाम, विश्वनाथ, विश्वपति, विश्वपा, विश्वभर्ता, विश्वभाव, विश्वभावन, विश्वभुज, विश्वम्भर, विश्वात्मा, वैश्वानर, शून्य, सतगुरु, सद्गुरु, साँई, सांई

वह सबसे बड़ी परम और नित्य चेतन सत्ता जो जगत का मूल कारण और सत्, चित्त, आनन्दस्वरूप मानी गयी है।

ब्रह्म एक है।
अमृतगर्भ, अशब्द, चिंतामणि, चिदानंद, चिदानन्द, चिन्तामणि, धरुण, ब्रह्म, , विभु, विश्वभव, संहिता, सच्चिदानंद, सच्चिदानन्द

वह ब्रह्म जो सत्व, रज और तम तीनों गुणों से परे हो।

कबीर दास निर्गुण ब्रह्म के उपासक थे।
अरूप ब्रह्म, निराकार ब्रह्म, निर्गुण ब्रह्म, निर्विकार ब्रह्म

సృష్టికర్త, స్వయంభువు, సర్వాంతర్యామి, ఈ సకల సృష్టిని రక్షించేవాడు

దేవుడు ఒక్కడే
అమరుడు, అమర్త్యుడు, ఆదితేయుడు, చిదానందుడు, డేవుడు, దివిజుడు, దేవర, బ్రహ్మ, విభుడు, సచ్చిదానందుడు

ధర్మగ్రంధం ప్రకారం సృష్టిని సృష్టించి తన అదుపాజ్ఞలలో పెట్టుకునేవాడు

ఈశ్వరుడే సర్వంతార్యామి. ఈశ్వరుడు మా అందరికి రక్షణగా ఉంటాడు.
అంతర్యామి, అఖిలేశ్వరుడు, అధిదేవుడు, అధిపురుషుడు, అనిమిషుడు, అమరుడు, అమర్త్యుడు, అమృతపుడు, అశరీరుడు, ఆదికర్త, ఆదిదేవుడు, ఆదిమద్యాంత రహితుడు, ఆదిసంభూతుడు, ఈశ్వరుడు, కర్త, చిదాత్మ, చిన్మయుడు, చేతనుడు, జగత్సాక్షి, జగదీశ్వరుడు, జగదీషుడు, జగన్నాధుడు, జగన్నియంత, జియ్య, త్రిత్వదేవుడు, త్రిమూర్తి, త్రిలోకి, దివిజుడు, దివ్యుడు, దీననాధుడు, దీనబందు, దేవర, దేవుడు, నాధుడు, నిరంజనుడు, నిరాకారుడు, నిర్గుణుడు, పరంజ్యోతి, పరంధాముడు, పరబ్రహ్మ, పరమాత్మ, పరమాత్ముడు, పరమానందుడు, పురుషోత్తముడు, పూజితుడు, పూర్ణానందుడు, పైవాడు, భగవంతుడు, భగవానుడు, విధాత, విభుడు, విరాట్టు, విశ్వంభరుడు, విశ్వనరుడు, విశ్వపతి, విశ్వపిత, విశ్వభర్త, సర్వాంతర్యామి, సర్వేశ్వరుడు, సర్వోన్నతుడు, సృష్టికర్త

సత్వ, రజ, తమో గుణాలకు అతీతంగా ఉండే బ్రహ్మ

కబీర్ దాసు నిర్గుణ బ్రహ్మ ఉపాసకుడుడు.
నిర్గుణ బ్రహ్మ, నిర్వికార బ్రహ్మ

సత్వ, రజో మరియు తమో గుణాలతో కూడిన పరమాత్ముని రూపం

భారతదేశంలో సగుణబ్రహ్మను ఆరాదిస్తారు.
సగుణ బ్రహ్మ, సాకార బ్రహ్మ, సురూప బ్రహ్మ


ಅವನು ಎಲ್ಲಾರಿಗಿಂತ ದೊಡ್ಡವ ಮತ್ತು ನಿತ್ಯ ಚೇತನ ಶಾಲಿಯು ಜಗತ್ತಿನ ಮೂಲ ಕಾರಣವಾಗಿದ್ದು ಮತ್ತು ಸತ್ಯ, ಚಿತ್ತ, ಅನಂದಮಯನೆಂದು ನಂಬುವರು

ಬ್ರಹ್ಮಹ ಒಬ್ಬನೇ.
ಅಮೂರ್ತಗರ್ಭ, ಚಿಂತಾಮಣಿ, ಚಿದಾನಂದ, ಧಾರುಣ, ಬ್ರಹ್ಮ, ವಿಭು, ವಿಶ್ವಭವ, ಸಚ್ಚಿದಾನಂದ

ಸತ್ವ ರಜಸ್ಸು ಮತ್ತು ತಮೋ ಗುಣಗಳಿಂದ ಪೂರ್ಣವಾಗಿರುವಂತ ಬ್ರಹ್ಮ

ಕಬೀರ್ ದಾಸ ನಿರ್ಗುಣ ಬ್ರಹ್ಮ ಆರಾಧಕ.
ಅರೂಪ ಬ್ರಹ್ಮ, ನಿರಾಕಾರ ಬ್ರಹ್ಮ, ನಿರ್ಗುಣ ಬ್ರಹ್ಮ, ನಿರ್ವಿಕಾರ ಬ್ರಹ್ಮ

ಸತ್ವ, ರಜಸ್ಸು ಮತ್ತು ತಮೋ ಈ ಮೂರುಗಳಿಂದ ಯುಕ್ತನಾಗಿರುವ ಪರಮಾತ್ಮನ ರೂಪ

ಭಾರತದಲ್ಲಿ ಸುಗುಣ ಬ್ರಹ್ಮನನ್ನು ಪೂಜಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ.
ಸರೂಪ ಬ್ರಹ್ಮ, ಸಾಕಾರ ಬ್ರಹ್ಮ, ಸುಗುಣ ಬ್ರಹ್ಮ

ଧର୍ମଗ୍ରନ୍ଥରେ ସ୍ୱୀକାର କରାଯାଇଥିବା ସର୍ବୋଚ୍ଚ ସତ୍ତା ଯେ ସୃଷ୍ଟିର ଅଧିକାରୀ

ଇଶ୍ୱର ସର୍ବବ୍ୟାପୀ ଇଶ୍ୱର ଆମ ସମସ୍ତଙ୍କ ରକ୍ଷକ
ଅନ୍ତର୍ଯ୍ୟାମୀ, ଆଦିକର୍ତ୍ତା, ଆଦିକାରଣ, ଇଶ, ଈଶ୍ୱର, ବିଭୁ, ଭଗବାନ, ଭବଧାରଣ, ସମସ୍ତଙ୍କ ରକ୍ଷକ, ସର୍ବବ୍ୟାପୀ, ସର୍ବରକ୍ଷକ

ସେହି ସବୁଠାରୁ ପରମ ଓ ନିତ୍ୟ ଚେତନ ସତ୍ତା ଯାହା ଜଗତର ମୂଳ କାରଣ ଏବଂ ସତ୍‌, ଚିତ୍‌,ଆନନ୍ଦର ସ୍ୱରୂପଭାବେ ଗ୍ରହଣୀୟ

ବ୍ରହ୍ମ ଏକ
ଅମୃତଗର୍ଭ, ଚିଦାନନ୍ଦ, ଚିନ୍ତାମଣି, ବିଭୁ, ବିଶ୍ୱକର୍ତ୍ତା, ବ୍ରହ୍ମ, ଭଗବାନ, ସଚ୍ଚିଦାନନ୍ଦ

ସତ୍ତ୍ୱ,ରଜ ଏବଂ ତମ-ତିନିଗୁଣରେ ଯୁକ୍ତ ପରମାତ୍ମାଙ୍କ ରୂପ

ଭାରତରେ ସଗୁଣ ବ୍ରହ୍ମଙ୍କ ଉପାସନା କରାଯାଇଥାଏ
ସଗୁଣ ବ୍ରହ୍ମ, ସରୂପ ବ୍ରହ୍ମ, ସାକାର ବ୍ରହ୍ମ

ସତ୍ତ୍ୱ, ରଜ ଏବଂ ତମ ଏହି ତିନିଗୁଣର ଉର୍ଦ୍ଧ୍ୱରେ ଥିବା ସେହି ବ୍ରହ୍ମ

କବୀର ଦାସ ନିର୍ଗୁଣ ବ୍ରହ୍ମଙ୍କ ଉପାସକ ଥିଲେ
ଅରୂପ ବ୍ରହ୍ମ, ନିରାକାର ବ୍ରହ୍ମ, ନିର୍ଗୁଣ ବ୍ରହ୍ମ, ନିର୍ବିକାର ବ୍ରହ୍ମ

जगाचे मूलकारण असणारी, सर्वश्रेष्ठ अशी,सत्,चित् आनंदस्वरूप नित्यचेतना.

ब्रह्म चराचरात व्यापून राहिले आहे
ब्रह्म

निसर्गावर सत्ता असणारी आणि त्याचे व्यवहार नियंत्रित करणारी धर्मग्रंथांद्वारे मान्य अशी सर्वोच्च सत्ता.

ईश्वर सर्वव्यापी आहे.
देव सगळ्यांचे रक्षण करतो.
ईश, ईश्वर, देव, दैवत, परमात्मा, परमेश्वर, प्रभू, बाप्पा, भगवंत, भगवान

प्रकृतियुक्त पुरुष किंवा निर्गुण ब्रह्म नव्हे ते.

भारतामध्यें सगुण ब्रह्माची उपासना केली जाते.
सगुण ब्रह्म

ধর্মগ্রন্থ কর্তৃক স্বীকৃত সেই সর্বোচ্চ সত্তা যিনি সৃষ্টির কর্তা

ঈশ্বর সর্বব্যাপীঈশ্বর আমাদের সকলের রক্ষক
অন্তর্যামী, আদিকর্তা, ঈশ, ঈশ্বর, ব্রহ্ম

সেই সবথেকে বড় পরম এবং নিত্য চেতন সত্তা যিনি জগতের মূল কারণ এবং সত্, চিত্ত, আনন্দস্বরূপ

ব্রহ্ম একজন
চিন্তামণি, বিভূ, ব্রহ্ম, সচ্চিদানন্দ

সত্ত্ব, রজ ও তম -এই তিন গুনের সাথে যুক্ত পরমাত্মার রূপ

ভারতে সগুণ ব্রাহ্মণের উপাসনা করা হয়
সগুণ ব্রাহ্মণ, সাকার ব্রাহ্মণ

যে ব্রাহ্মণের মধ্যে সত্ত্ব, রজ ও তম এই তিন গুণের উপরে

কবীর দাস নির্গুণ ব্রাহ্মণের উপাসক ছিলেন
নির্গুণ ব্রাহ্মণ, নির্বিকার ব্রাহ্মণ

சத்வ, ரஜ, மற்றும் தம மூன்று குணங்களும் உள்ள ஒரு பிரம்மம்

கபீர்தாஸ் நிர்குண பிரமத்தின் உபாசகராக இருக்கிறார்
நிர்குண பிரமம்

உலகம், உயிர் ஆகியவற்றின் தோற்றத்திற்கு காரணமாகக் கருதப்படும் மனித ஆற்றலால் அறிய முடியாத படி இருப்பதாக நம்பப்படும் மேலான சக்தி.

தந்தை பெரியாருக்கு கடவுள் நம்பிக்கை இல்லை
இறைவன், கடவுள், சாமி, தெய்வம், தேவன்

சத்வ, ரஜ மற்றும் தம மூன்று குணங்களும் உள்ள பரமாத்மாவின் தோற்றம்

இந்தியாவில் சற்குண பிரமம் வழிபாடு நடைபெறுகிறது
சற்குண பிரமம்

சர்வ வல்லமை உடைய எல்லோராலும் வழிபடக்குடியவராக இருப்பவர்

கடவுள் பேரைச் சொல்லி போலிச் சாமியார்கள் நிறைய உருவாகின்றனர்.
ஆண்டவன், இறைவன், கடவுள், சாமி, தெய்வம்


സത്വ, രജോ, തമോ, ഗുണങ്ങളോട് കൂടിയ പരമാത്മാവിന്റെ രൂപം

ഭാരതീയര് സഗുണ ബ്രഹ്മത്തെ ഉപാസിക്കുന്നു
സഗുണ ബ്രഹ്മം

സത്വ, രജോ, തമോ ഗുണങ്ങള്ക്ക് അതീതമായത്

കബീര്ദാസ് നിര്ഗുണ ബ്രഹമത്തിന്റെ ഉപാസകനായിരുന്നു
നിര്ഗുണബ്രഹ്മം

ഏറ്റവും വലിയ പരമമായതും നിത്യവുമായ ചേതന സത്ത അത് ലോകത്തിന്റെ മൂലകാരണവും സത്, ചിത്, ആനന്ദസ്വരൂപവും ആകുന്നു

ബ്രഹ്മം ഒന്നാണ്
ബ്രഹ്മം