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अर्थ : प्राचीन काल में बनाई जानेवाली एक प्रकार की काँजी जो पानी में घी या तेल, नमक और कंद या फल आदि गलाकर बनाई जाती थी।
उदाहरण : सुक्त को वैद्यक में रक्तपित्त और कफनाशक, बहुत उष्ण, तीक्ष्ण, रुचिकर तथा कृमिनाशक माना गया है।
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