അർത്ഥം : जैन मतानुसार आत्मा के पाँच प्रकार के शरीरों में से एक जो मनुष्य के आहार-विहार आदि का कर्ता और भोक्ता है।
ഉദാഹരണം :
आहारिक आत्मा से भिन्न है।
പര്യായപദങ്ങൾ : आहारिक, स्थूल शरीर
മറ്റ് ഭാഷകളിലേക്കുള്ള വിവർത്തനം :
ଜୈନ ମତାନୁସାରେ ଆତ୍ମାର ପାଞ୍ଚ ପ୍ରକାର ଶରୀର ଭିତରୁ ଗୋଟିଏ ଯାହା ମନୁଷ୍ୟର ଆହାର-ବିହାର ଆଦିର କର୍ତ୍ତା ଏବଂ ଭୋକ୍ତା
ସ୍ଥୂଳ ଶରୀର ଆତ୍ମା ଠାରୁ ଭିନ୍ନজৈন মতানুসারে আত্মার পাঁচ প্রকার শরীরের মধ্যে একটি যা মানুষের আহার-বিহারের কর্তা এবং ভোক্তা
"পার্থিব শরীর আত্মা থেকে আলাদা"