अर्थ : शरीर में तेल लगानेवाला।
उदाहरण :
स्नेहन व्यक्ति ज़मींदार के शरीर में तेल लगा रहा है।
अर्थ : चिकनाई या स्निग्धता लानेवाला या स्निग्ध या चिकना करनेवाला।
उदाहरण :
तेल सबसे अच्छा स्नेहक पदार्थ है।
पर्यायवाची : स्नेहक
अर्थ : एक सृष्टिनाशक हिन्दू देवता।
उदाहरण :
शंकर की पूजा लिंग के रूप में प्रचलित है।
पर्यायवाची : अंड, अंधकारि, अंबरीष, अक्षतवीर्य, अक्षमाली, अघोरनाथ, अण्ड, अनंगरि, अनंगारि, अनर्थनाशी, अन्नपति, अपराधभंजन, अबलाबल, अब्जवाहन, अमृतवपु, अमोघदंड, अमोघदण्ड, अम्बरीष, अयोनि, अयोनिज, अरिंदम, अर्घेश्वर, अस्थिमाली, अहिमाली, आशुतोष, इंदुशेखर, इन्दुशेखर, उग्रधन्वा, उमाकांत, उमाकान्त, उमेश, कपालपाणि, कपाली, कामारि, कालेश, काशीनाथ, कील, कुंड, कुण्ड, कैलाश नाथ, कैलाशनाथ, गंगाधर, गिरिनाथ, गिरीश, गौरीश, चंद्रशेखर, चन्द्रशेखर, जगद्योनि, जटाधारी, जटामाली, तारकेश्वर, त्रिनेत्र, त्रिपुरांतक, त्रिपुरारि, त्रिपुरारी, त्र्यंबक, त्र्यक्ष, त्र्यम्बक, दुष्काल, देवाधिदेव, देवेश्वर, धूम्र, नंदिकेश्वर, नदीधर, नन्दिकेश्वर, नपराजित, नागी, नाभ, नीलग्रीव, पंचमुख, पंचानन, पञ्चमुख, परंजय, पश, पशुपति, पादभुज, पार्श्ववक्त्र, पिनाकपाणि, पिनाकी, पुद्गल, फाल, बीजवाहन, भगाली, भव, भवेश, भालचंद्र, भालचन्द्र, भुवनेश, भूतचारी, भूतनाथ, भूतेश, भोला, भोलानाथ, भोलेनाथ, मंगलेश, महाक्रोध, महादेव, महार्णव, महेश, महेश्वर, मृत्युंजय, यमेश्वर, ययातीश्वर, ययी, योगीनाथ, योगीश, राकेश, रुद्र, वरेश्वर, वसुप्रद, विद्वत्, विभु, विरुपाक्ष, विरोचन, विश्वनाथ, वीरेश, वीरेश्वर, वृषभकेतु, वैद्यनाथ, व्योमकेश, शंकर, शंभु, शङ्कर, शम्भु, शशिधर, शशिभूषण, शारंगपाणि, शारंगपानि, शिखंडी, शिखण्डी, शिव, संवत्सर, सतीश, सद्य, सर्पमाली, सर्व, सवर, सुप्रतीक, सुहृद, हर
अर्थ : थूकने या खाँसने के समय मुँह से निकलने वाला गाढ़ा लसदार पदार्थ।
उदाहरण :
वह जब भी खाँसता है उसके मुँह से कफ निकलता है।
पर्यायवाची : कफ, कफ़, खट, निद्रासंजन, निद्रासञ्जन, बलगम, बलग़म, वेगनाशन, श्लेष्म, श्लेष्मा
अर्थ : किसी चीज में स्नेह या तेल आदि लगाकर उसे चिकना करने की क्रिया या भाव।
उदाहरण :
सर्दियों में शुष्क त्वचा के स्नेहन की आवश्यकता होती है।
अर्थ : यंत्रों आदि के पुर्जों, पहियों आदि को सरलता से चलाने के लिए उनमें तेल डालने की क्रिया।
उदाहरण :
स्नेहन की कमी से पुर्ज़े ज़ल्दी घिसते हैं।
अर्थ : शरीर में स्नेहक या तेल आदि लगाने की क्रिया।
उदाहरण :
प्रतिदिन के स्नेहन से त्वचा में चमक आ जाती है।
अर्थ : प्रेम या स्नेह से युक्त होने की क्रिया या प्रेमाविष्ट होने की क्रिया।
उदाहरण :
स्नेहन से उसके आँसू छलक आए।