अर्थ : देव स्थान या पुण्य स्थान।
उदाहरण :
वैद्यनाथ बाबा के दर्शन के लिए लोग बैद्यनाथ धाम जा रहे हैं।
अर्थ : हिन्दुओं के एक प्रमुख देवता जो सृष्टि का पालन करने वाले माने जाते हैं।
उदाहरण :
राम और कृष्ण विष्णु के ही अवतार हैं।
पर्यायवाची : अंबरीष, अक्षर, अच्युत, अनीश, अन्नाद, अब्धिशय, अब्धिशयन, अमरप्रभु, अमृतवपु, अम्बरीष, अरविंद नयन, अरविन्द नयन, अरुण-ज्योति, अरुणज्योति, असुरारि, इंदिरा रमण, कमलनयन, कमलनाभ, कमलनाभि, कमलापति, कमलेश, कमलेश्वर, कुंडली, कुण्डली, केशव, कैटभारि, खगासन, खरारि, खरारी, गजाधर, गरुड़गामी, गरुड़ध्वज, चक्रधर, चक्रपाणि, चक्रेश्वर, चिरंजीव, जगदीश, जगदीश्वर, जगद्योनि, जगन्, जनार्दन, जनेश्वर, डाकोर, त्रिलोकीनाथ, त्रिलोकेश, त्रिविक्रम, दम, दामोदर, देवाधिदेव, देवेश्वर, धंवी, धन्वी, धातृ, नारायण, पद्म-नाभ, पद्मनाभ, पुंडरीकाक्ष, फणितल्पग, बाणारि, बैकुंठनाथ, मधुसूदन, महाक्ष, महागर्भ, महानारायण, महाभाग, महेंद्र, महेन्द्र, माधव, माल, रत्ननाभ, रमाकांत, रमाकान्त, रमाधव, रमानाथ, रमानिवास, रमापति, रमारमण, रमेश, लक्ष्मीकांत, लक्ष्मीकान्त, लक्ष्मीपति, वंश, वर्द्धमान, वर्धमान, वसुधाधर, वारुणीश, वासु, विधु, विभु, विश्वंभर, विश्वकाय, विश्वगर्भ, विश्वधर, विश्वनाभ, विश्वप्रबोध, विश्वबाहु, विश्वम्भर, विष्णु, वीरबाहु, वैकुंठनाथ, व्यंकटेश्वर, शतानंद, शतानन्द, शारंगपाणि, शारंगपानि, शिखंडी, शिखण्डी, शुद्धोदनि, शून्य, शेषशायी, श्रीकांत, श्रीकान्त, श्रीनाथ, श्रीनिवास, श्रीपति, श्रीरमण, श्रीश, सत्य-नारायण, सत्यनारायण, सर्व, सर्वेश्वर, सहस्रचरण, सहस्रचित्त, सहस्रजित्, सारंगपाणि, सुप्रसाद, सुरेश, स्वर्णबिंदु, स्वर्णबिन्दु, हरि, हिरण्यकेश, हिरण्यगर्भ, हृषिकेश, हृषीकेश
अर्थ : किसी प्राणी के सब अंगों का समूह जो एक इकाई के रूप में हो।
उदाहरण :
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करें।
पर्यायवाची : अंग, अजिर, अवयवी, इंद्रियायतन, इन्द्रियायतन, कलेवर, काया, गात, चोला, जिस्म, तन, तनु, तनू, देह, पिंड, पिण्ड, पुद्गल, पुर, बदन, बॉडी, मर्त्य, योनि, रोगभू, वपु, वर्ष्म, वर्ष्मा, वेर, शरीर, सिन, स्कंध, स्कन्ध
अर्थ : एक तरह का प्रकाश।
उदाहरण :
उसके चेहरे की चमक स्पष्ट झलक रही थी।
पर्यायवाची : अरचि, अर्कत्व, आद्योत, आब, आबताब, आबदारी, आभा, उजास, उज्ज्वला, उज्वला, उल्लास, ओज, कांति, कान्ति, केतु, चमक, चिलक, जगमगाहट, ज्योति, झकझकाहट, ताब, तेज, त्विषा, दमक, दीप्ति, द्युति, द्युतिमा, पानी, प्रतिभा, प्रतिभान, प्रदीप्ति, प्रभा, भास, रोचि, रौनक, रौनक़, वर्हा, विद्योत्, वृष्णि
अर्थ : ज्योति की वे अति सूक्ष्म रेखाएँ जो प्रवाह के रूप में सूर्य, चंद्र, दीपक आदि प्रज्वलित पदार्थों में से निकलकर फैलती हुई दिखाई देती हैं।
उदाहरण :
सूरज की पहली किरण से दिन की शुरुआत होती है।
पर्यायवाची : अंशु, किरण, किरन, केश, गभस्ति, चरण, त्विषि, द्युति, द्युत्, पौ, प्रसिति, मयूख, मरिचिका, मरीचि, रश्मि, रोचि, विभा, शिपि, ह्रद
अर्थ : हिंदुओं के अनुसार सात लोकों में से वह जिसमें पुण्य और सत्कर्म करने वालों की आत्माएँ जाकर निवास करती हैं।
उदाहरण :
मनुष्य के अच्छे कर्म उसे स्वर्ग ले जाते हैं।
पर्यायवाची : अमर धाम, अमर-धाम, अमर-लोक, अमरधाम, अमरपद, अमरपुर, अमरलोक, अमरालय, अमरावती, अमृतलोक, अर्श, आसमाँ, आसमान, आस्माँ, आस्मान, इड़ा, ऋभुक्ष, जन्नत, त्रिदशालय, त्रिदिव, त्रिनाक, दिव, दिव्, देवलोक, द्यु, द्यु-लोक, द्युलोक, धरुण, पुण्यलोक, बहिश्त, बिहिश्त, रपुर, विवुधपुर, वीरमार्ग, शतधृति, शुद्धावास, सुर लोक, सुरदेश, सुरधाम, सुरनगर, सुलोक, सोमधारा, स्वर्ग, स्वर्ग लोक, स्वर्लोक