अर्थ : विधिक के क्षेत्र में, जो आपका नहीं हो ऐसे किसी सुख या सुभीते के भोग का विशेषाधिकार।
उदाहरण :
आभुक्ति प्राप्त किरायेदार आज भी मात्र सौ रूपए किराया देते हैं।
पर्यायवाची : आभुक्ति
अर्थ : किसी पद्य के बीच में कवि के नाम का उल्लेख।
उदाहरण :
रीतिकालीन कवियों की रचनाओं में आभोग बहुत सामान्य था।
अर्थ : सरीसृप वर्ग का एक रेंगने वाला पतला और लंबा जीव जिसकी कई जातियाँ पायी जाती हैं।
उदाहरण :
प्रायः आई आई टी बॉम्बे में कई तरह के ज़हरीले साँप रेंगते हुए देखे जा सकते हैं।
पर्यायवाची : अघविष, अनिलाशी, अपत्यशत्रु, अहि, आशीविष, उरंग, कर्कटी, कुंडली, कुण्डली, तार्क्ष्य, त्सरु, दीर्घपृष्ठ, दीर्घरसन, दृक्कर्ण, द्विरसन, पन्नग, पवनाश, पवनाशन, पवनाशी, पुलिरिक, प्रबलाकी, प्रवलाकी, फणधर, फणिक, फणी, फुनिंग, भुअंग, भुअंगम, भुजंग, मारुताशन, लांगली, लेलिह, लेलिहान, विषदंतक, विषदन्तक, विषधर, विषानन, व्याल, शेव, श्वसनाशन, श्वसनोत्सुक, सर्प, साँप, सारंग