अर्थ : एक बात के बाद दूसरी बात आप से आप होने की क्रिया।
उदाहरण :
अनुषंग में कितना समय निकल गया पता ही न चला !।
अर्थ : स्पष्टीकरण के लिए आवश्यक होने पर पहले वाक्य, वाक्यांश आदि से आगे एक और वाक्य, वाक्यांश आदि लगा देने की क्रिया।
उदाहरण :
अनुषंग के उपरान्त ही मैं उनका आशय समझ सकी।